Showing posts with label पशु-पक्षियों से सी. Show all posts
Showing posts with label पशु-पक्षियों से सी. Show all posts

Thursday, December 18, 2014

पशु-पक्षियों से सी

पशु-पक्षियों से सीखः---
----------------------------

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में मनुष्य को परामर्श दिया है कि उसे जीवन में सफलता के लिए पशु और पक्षियों से कुछ गुण सीखने चाहिएँ---

सिंहादेकं बकादेकं शिक्षेच्चत्वारि कुक्कुटात्।
वायसात् पञ्चशिक्षेच्च षट्शुनस्त्रीणि गर्दभात्।।

अर्थः--सिंह से एक, बगुले से एक, मुर्गे से चार, कौए से पाँच, कुत्ते से छह और गधे से तीन गुण सीखने चाहिएँ।

य एतान् विंशति गुणानाचरिष्यति मानवः।
सर्वावस्थासु कार्येष्वजेयः सो भविष्यति।।

अर्थाः--जो मनुष्य इन बीस गुणों के ऊपर आचरण करेगा, वह किसी भी अवस्था में और किसी भी कार्य में असफल नहीं हो सकता।

सिंह से सीखेः---

प्रभूतं कार्यमल्पं वा यन्नरः कर्तुमिच्छति।
सर्वारम्भेण तत् कार्यं सिंहादेकं प्रचक्षते।।

अर्थः---चाहे काम बडा हो, चाहे छोटा, मनुष्य जिस काम को करना चाहता है, उसे पूरी शक्ति और तैयारी से करना चाहिए। यह एक गुण जीवन में शेर से सीखे।

शेर चाहे हाथी पर आक्रमण करे और चाहे खरगोश पर, वह आक्रमण पूरी शक्ति से ही करेगा।