Sunday, May 17, 2015

घर में शंख रखने और बजाने के ये हैं 11 फायदे/ benefit of conch blowing

घर में शंख रखने और बजाने के ये हैं 11 फायदे...
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जैसा की हम सभी जानते हैं की सनातन धर्म पूर्णतया वैज्ञानिक नियमों पे ही आधारित है,, अथवा ये कह लें की सनातन धर्म से ही विज्ञान की उत्पत्ति हुई है,, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी | आज इसका एक और उद्दहरण देखते हैं |

पूजा-पाठ में शंख बजाने का चलन युगों-युगों से है | देश के कई भागों में लोग शंख को पूजाघर में रखते हैं और इसे नियमित रूप से बजाते हैं, जो न केवल आध्यात्मिक रूप से, अपितु कई दूसरे तरह से भी लाभकारी हैं|

शंख रखने, बजाने व इसके जल का उचित उपयोग करने से कई तरह के लाभ होते हैं. कई लाभ तो सीधे रूप से स्वास्थ्य से जुड़े हैं |

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शंख की पूजा इस मंत्र के साथ की जाती है.
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त्वं पुरा सागरोत्पन्न:विष्णुनाविघृत:करे देवैश्चपूजित:
सर्वथैपाञ्चजन्यनमोऽस्तुते।
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1. जिस घर में शंख होता है, वहां लक्ष्मी का वास होता है. धार्मिक ग्रंथों में शंख को लक्ष्मी का भाई बताया गया है, क्योंकि लक्ष्मी की तरह शंख भी सागर से ही उत्पन्न हुआ है. शंख की गिनती समुद्र मंथन से निकले चौदह रत्नों में होती है.

2. शंख को इसलिए भी शुभ माना गया है, क्योंकि माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु, दोनों ही अपने हाथों में इसे धारण करते हैं.

3. पूजा-पाठ में शंख बजाने से वातावरण पवित्र होता है. जहां तक इसकी आवाज जाती है, इसे सुनकर लोगों के मन में सकारात्मक विचार पैदा होते हैं. अच्छे विचारों का फल भी स्वाभाविक रूप से बेहतर ही होता है.

4. शंख के जल से शिव, लक्ष्मी आदि का अभिषेक करने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा प्राप्त होती है.

5. ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है कि शंख में जल रखने और इसे छिड़कने से वातावरण शुद्ध होता है.

6. शंख की आवाज लोगों को पूजा-अर्चना के लिए प्रेरित करती है. ऐसी मान्यता है कि शंख की पूजा से कामनाएं पूरी होती हैं. इससे दुष्ट आत्माएं पास नहीं फटकती हैं.

7. वैज्ञानिकों का मानना है कि शंख की आवाज से वातावरण में मौजूद कई तरह के जीवाणुओं-कीटाणुओं का नाश हो जाता है. कई टेस्ट से इस तरह के नतीजे मिले हैं.

8. आयुर्वेद के मुताबिक, शंखोदक के भस्म के उपयोग से पेट की बीमारियां, पथरी, पीलिया आदि कई तरह की बीमारियां दूर होती हैं. हालांकि इसका उपयोग एक्सपर्ट वैद्य की सलाह से ही किया जाना चाहिए.

9. शंख बजाने से फेफड़े का व्यायाम होता है. पुराणों के जिक्र मिलता है कि अगर श्वास का रोगी नियमित तौर पर शंख बजाए, तो वह बीमारी से मुक्त हो सकता है.

10. शंख में रखे पानी का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं. यह दांतों के लिए भी लाभदायक है. शंख में कैल्शियम, फास्फोरस व गंधक के गुण होने की वजह से यह फायदेमंद है.

11. वास्तुशास्त्र के मुताबिक भी शंख में ऐसे कई गुण होते हैं, जिससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है. शंख की आवाज से 'सोई हुई भूमि' जाग्रत होकर शुभ फल देती है.

Sunday, May 10, 2015

भारत के बारे में 41 रोचक तथ्‍य

1. ने अपने आखिरी 100000 वर्षों के इतिहास में किसी भी देश पर हमला नहीं किया है।
2. जब कई संस्कृतियों में 5000 साल पहले लोग घुमंतू वनवासी थे, तब भारतीयों ने सिंधु घाटी (सिंधु घाटी सभ्यता) में हड़प्पा संस्कृति की स्थापना की।
3. भारत का अंग्रेजी में नाम ‘इंडिया’ इंडस नदी से बना है, जिसके आसपास की घाटी में आरंभिक सभ्यताएं निवास करती थीं। आर्य पूजकों में इस इंडस नदी को सिंधु नाम दिया था।
4. ईरान से आए आक्रमणकारियों ने सिंधु को हिन्दू की तरह प्रयोग किया। ‘हिंदुस्तान’ नाम सिंधु और हिंदु का संयोजन है, जो कि हिंदुओं की भूमि के संदर्भ में प्रयुक्त होता है।
5. शतरंज की खोज भारत में की गई थी।
6. बीज गणित, त्रिकोणमिति और कलन (कैलकुलस) का अध्ययन भारत में ही आरंभ हुआ था।

7. ‘स्थान मूल्य प्रणाली’ और 'दशमलव प्रणाली' का विकास में 100 बीसी में हुआ था।
8. विश्व का प्रथम ग्रेनाइट मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में बृहदेश्वर मंदिर है। इस मंदिर के शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के टुकड़ों से बने हैं। यह भव्य मंदिर राजाराज चोल के राज्य के दौरान केवल 5 वर्ष की अवधि में (1004 एडी और 1009 एडी के दौरान) निर्मित किया गया था।
9. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र और विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश तथा प्राचीन सभ्यताओं में से एक है।
10. सांप सीढ़ी का खेल तेरहवीं शताब्दी में कवि संत ज्ञानदेव द्वारा तैयार किया गया था इसे मूल रूप से मोक्षपट कहते थे। इस खेल में सीढ़ियां वरदानों का प्रतिनिधित्व करती थीं जबकि सांप अवगुणों को दर्शाते थे। इस खेल को कौड़ियों तथा पांसे के साथ खेला जाता था। आगे चल कर इस खेल में कई बदलाव किए गए, परन्तु इसका अर्थ वही रहा अर्थात अच्छे काम लोगों को स्वर्ग की ओर ले जाते हैं, जबकि बुरे काम दोबारा जन्म के चक्र में डाल देते हैं।
11. दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट का मैदान हिमाचल प्रदेश के चायल नामक स्थान पर है। इसे समुद्री सतह से 2444 मीटर की ऊंचाई पर भूमि को समतल बना कर 1893 में तैयार किया गया था।
12. भारत में विश्व भर से सबसे अधिक संख्या में डाक खाने (पोस्ट ऑफिस) स्थित हैं।

13. भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा नियोक्ता है। यह दस लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
14. विश्व का सबसे प्रथम विश्वविद्यालय 700 बीसी में तक्षशिला में स्थापित किया गया था। इसमें 60 से अधिक विषयों में 10,500 से अधिक छात्र दुनियाभर से आकर अध्ययन करते थे। नालंदा विश्वविद्यालय चौथी शताब्दी में स्थापित किया गया था, जो शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीन की महानतम उपलब्धियों में से एक है।
15. आयुर्वेद मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे आरंभिक चिकित्सा शाखा है। शाखा विज्ञान के जनक माने जाने वाले चरक ने 2500 वर्ष पहले आयुर्वेद का समेकन किया था।
16. भारत 17वीं शताब्दी के आरंभ तक ब्रिटिश राज्य आने से पहले सबसे सम्पन्न देश था। क्रिस्टोफर कोलम्बस भारत की सम्पन्नता से आकर्षित हो कर भारत आने का समुद्री मार्ग खोजने चला और उसने गलती से अमेरिका को खोज लिया।
17. नौवहन की कला और नौवहन का जन्म 6000 वर्ष पहले सिंधु नदी में हुआ था। दुनिया का सबसे पहला नौवहन संस्कृत शब्द नावा गाठी से उत्पन्न हुआ है। शब्द नौसेना भी संस्कृत शब्द नोउ से हुआ।
18. भास्कराचार्य ने खगोलशास्त्र के जन्म लेने से कई सौ साल पहले पृथ्वी द्वारा सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने में लगने वाले सही समय की गणना की थी। उनकी गणना के अनुसार सूर्य की परिक्रमा में पृथ्वी को 365.258756484 दिन का समय लगता है।

19. भारतीय गणितज्ञ बुधायन द्वारा 'पाई' का मूल्य ज्ञात किया गया था और उन्होंने जिस संकल्पना को समझाया उसे पाइथागोरस का प्रमेय करते हैं। उन्होंने इसकी खोज छठवीं शताब्दी में की, जो यूरोपीय गणितज्ञों से काफी पहले की गई थी।
20. चतुष्पद समीकरण का उपयोग 11वीं शताब्दी में श्रीधराचार्य द्वारा किया गया था। ग्रीक तथा रोमनों द्वारा उपयोग की गई की सबसे बड़ी संख्या 106 थी जबकि हिन्दुओं ने 10*53 जितने बड़े अंकों का उपयोग (अर्थात 10 की घात 53), के साथ विशिष्ट नाम 5000 बीसी के दौरान किया। आज भी उपयोग की जाने वाली सबसे बड़ी संख्या टेरा: 10*12 (10 की घात12) है।
21. वर्ष 1896 तक विश्व में हीरे का एक मात्र स्रोत था। (स्रोत: जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका)
22. बेलीपुल विश्व में सबसे ऊंचा पुल है। यह हिमाचल पर्वत में द्रास और सुरु नदियों के बीच लद्दाख घाटी में स्थित है। इसका निर्माण अगस्त 1982 में भारतीय सेना द्वारा किया गया था।
23. महर्षि सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक माना जाता है। लगभग 2600 वर्ष पहले सुश्रुत और उनके सहयोगियों ने मोतियाबिंद, कृत्रिम अंगों को लगना, शल्य क्रिया द्वारा प्रसव, अस्थिभंग जोड़ना, मूत्राशय की पथरी, प्लास्टिक सर्जरी और मस्तिष्क की शल्य क्रियाएं आदि कीं।
24. निश्चेतक का उपयोग भारतीय प्राचीन चिकित्सा विज्ञान में भली भांति ज्ञात था। शारीरिकी, भ्रूण विज्ञान, पाचन, चयापचय, शरीर क्रिया विज्ञान, इटियोलॉजी, आनुवांशिकी और प्रतिरक्षा विज्ञान आदि विषय भी प्राचीन भारतीय ग्रंथों में पाए जाते हैं।

25. से 90 देशों को सॉफ्टवेयर का निर्यात किया जाता है।
26. भारत में 4 धर्मों का जन्म हुआ - हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिख धर्म और जिनका पालन दुनिया की आबादी का 25 प्रतिशत हिस्सा करता है।
27. जैन धर्म और बौद्ध धर्म की स्थापना भारत में क्रमश: 600 बीसी और 500 बीसी में हुई थी।
28. इस्लाम भारत का और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है।
29. भारत में 3,00,000 मस्जिदें हैं जो किसी अन्य देश से अधिक हैं, यहां तक कि मुस्लिम देशों से भी अधिक।
30. भारत में सबसे पुराना यूरोपियन चर्च और सिनागोग कोचीन शहर में है। इनका निर्माण क्रमश: 1503 और 1568 में किया गया था।

31. ज्यू (यहूदी) और ईसाई व्यक्ति में क्रमश: 200 बीसी और 52 एडी से निवास करते आए हैं।
32. विश्व में सबसे बड़ा धार्मिक भवन अंगकोरवाट, का हिन्दू मंदिर है जो कम्बोडिया में 11वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था।
33. तिरुपति शहर में बना विष्णु मंदिर 10वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था, यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है। रोम या मक्का धार्मिक स्थलों से भी बड़े इस स्थान पर प्रतिदिन औसतन 30 हजार श्रद्धालु आते हैं और लगभग 6 मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रति दिन चढ़ावा आता है।
34. सिख धर्म का उद्भव पंजाब के पवित्र शहर अमृतसर में हुआ था। यहां प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर की स्थापना 1577 में गई थी।
35. वाराणसी, जिसे बनारस के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन शहर है जब भगवान बुद्ध ने 500 बीसी में यहां आगमन किया और यह आज विश्व का सबसे पुराना और निरंतर आगे बढ़ने वाला शहर है।
36. भारत द्वारा श्रीलंका, तिब्बत, भूटान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के 3,00,000 से अधिक शरणार्थियों को सुरक्षा दी जाती है, जो धार्मिक और राजनैतिक अभियोजन के फलस्वरूप वहां से निकाले गए हैं।


37. माननीय दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के निर्वासित धार्मिक नेता है, जो उत्तरी के धर्मशाला में अपने निर्वासन में रह रहे हैं।
38. युद्ध कलाओं का विकास सबसे पहले भारत में किया गया और ये बौद्ध धर्म प्रचारकों द्वारा पूरे एशिया में फैलाई गई।
39. योग कला का उद्भव भारत में हुआ है और यह 5,000 वर्ष से अधिक समय से मौजूद है।
40. संख्या प्रणाली भारत द्वारा आविष्कार किया गया था। आर्यभट्ट नामक वैज्ञानिक ने अंक शून्य का आविष्कार किया था।
    
41. संस्कृत सभी उच्च भाषाओं की जननी माना जाता है क्योंकि यह कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के लिए सबसे सटीक है और इसलिए उपयुक्त भाषा है। (फ़ोर्ब्स पत्रिका की एक रिपोर्ट, जुलाई 1987)।



Sunday, May 3, 2015

Tamil origin of Camroon and Tamil Origin of Korean Language

Cameroon /ˌkæməˈrn/, officially the Republic of Cameroon (French: République du Cameroun), (German: Republik Kamerun), is a country in Central Africa. It is bordered by Nigeria to the west; Chad to the northeast; the Central African Republic to the east; and Equatorial Guinea, Gabon, and the Republic of the Congo to the south. Cameroon’s coastline lies on the Bight of Bonny, part of the Gulf of Guinea and the Atlantic Ocean. The country is often referred to as “Africa in miniature” for its geological and cultural diversity.
Natural features include beaches, deserts, mountains, rainforests, and savannas. The highest point is Mount Cameroon in the southwest, and the largest cities are Douala, Yaoundé, and Garoua. Cameroon is home to over 200 different linguistic g roups. The country is well known for its native styles of music, particularly makossa andbikutsi, and for its successful national football team. French and English are the official languages. After independence, the newly united nation joined the Commonwealth of Nations, although the vast majority of its territories had previously been a German colony and, after World War I, a French mandate.(wiki)

 Now let us look at Korean language and similarity to TAMIL language-

Gada(To go, 가다) and Nal(Day, 날) the same as Korean;  Achocho≒Achacha(Embrassing sound, 아차차); Ssorh≒Ssal(Rice, 쌀); Pood≒put(Unripen, 풋); Ssandai≒Ssa-un-da(To fight each other, 싸운다); Manam≒Maum(Mind, 마음); Bamb≒Baem(A snake, 뱀); Syandosam≒San-ddeut[teut]-harm(Cozy and fresh feeling, 산뜻함); Aen≒When(There are several meanings, such as certain one or something, curious about something, and (S) suppose toV, 왠/웬); Manobi≒Ma-nu-ra(A wife, 마누라); Dori-Dori(To nod repeatedly from left.



Rebirth v/c reincarnation

Ancient science of India coming in shape and nullifies all christianity and islamism.
http://www.collective-evolution.com/2014/08/02/10000-year-old-rock-paintings-depicting-extraterrestrials-ufos-discoverd-in-india/

Friday, May 1, 2015

वेदों में विज्ञान

स्वामी जी अनुसार वेदों में मानव कल्याण के लिए विज्ञान बीजरूप में वर्णित है। वेदों में विज्ञान के अनेक प्रारूपों में से एक खगोल विद्या को इस लेख के माध्यम से जानने का प्रयास करेंगे। विश्व इतिहास में सूर्य, पृथ्वी,चन्द्रमा आदि को लेकर अनेक मतमतांतर में अनेक भ्रांतियां प्रसिद्द हैं जो न केवल विज्ञान विरूद्ध है अपितु कल्पित भी है जैसे पृथ्वी चपटी है, सूर्य का पृथ्वी के चारों ओर घूमना, सूरज का कीचड़ में डूब जाना, चाँद के दो टुकड़े होना, पृथ्वी का शेषनाग के सर पर अथवा बैल के सींग पर अटका होना आदि। इन मान्यताओं की समीक्षा के स्थान पर वेद वर्णित खगोल विद्या को लिखना इस लेख का मुख्य उद्देश्य रहेगा।

वेदों में विश्व को तीन भागों में विभाजित किया गया हैं- पृथ्वी, अंतरिक्ष (आकाश) एवं धयो। आकाश का सम्बन्ध बादल, विद्युत और वायु से हैं, धुलोक का सम्बन्ध सूर्य, चन्द्रमा,गृह और तारों से हैं। 
पृथ्वी के भ्रमण का प्रमाण
पृथ्वी को गोल सिद्ध करने के पश्चात प्रश्न यह है कि पृथ्वी स्थिर है अथवा गतिवान है। वेद पृथ्वी को सदा गतिवान मानते है।
ऋग्वेद 1/185/1 मंत्र में प्रश्न-उत्तर शैली में प्रश्न पूछा गया है कि पृथ्वी और धुलोक में कौन आगे हैं और कौन पीछे हैं अथवा कौन ऊपर हैं और कौन नीचे हैं? उत्तर में कहा गया कि जैसे दिन के पश्चात रात्रि और रात्रि के पश्चात दिन आता ही रहता है,जैसे रथ का चक्र ऊपर नीचे होता रहता है वैसे ही धु और पृथ्वी एक दूसरे के ऊपर नीचे हो रहे हैं अर्थात पृथ्वी सदा गतिमान है।
अथर्ववेद 12/1/52 में लिखा है वार्षिक गति से (वर्ष भर) पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्र काटकर लौट आती है।
पृथ्वी आदि गृह सूर्य के आकर्षण से बंधे हुए हैं
ऋग्वेद 10/149/1 मंत्र का देवता सविता है। यहाँ पर ईश्वर द्वारा पृथ्वी आदि ग्रहों को निराधार आकाश में आकर्षण से बांधना लिखा है।

ऋग्वेद 1/35/2 मंत्र में ईश्वर द्वारा अपनी आकर्षण शक्ति से सूर्य, पृथ्वी आदि लोकों को धारण करना लिखा है।

ऋग्वेद 1/35/9 मंत्र में सूर्य को धुलोक और पृथ्वी को अपने आकर्षण से स्थित रखने वाला बताया गया है।

ऋग्वेद 1/164/13 में सूर्य को एक चक्र के मध्य में आधार रूप में बताया गया है एवं पृथ्वी आदि को उस चक्र के चारों ओर स्थित बताया गया है। वह चक्र स्वयं घूम रहा है एवं बहुत भार वाला अर्थात जिसके ऊपर सम्पूर्ण भुवन स्थित है , सनातन अर्थात कभी न टूटने वाला बताया गया है।
चन्द्रमा में प्रकाश का स्रोत्र

ऋग्वेद 1/84/15 में सूर्य द्वारा पृथ्वी और चन्द्रमा को अपने प्रकाश से प्रकाशित करने वाला बताया गया है।
दिन और रात कैसे होती हैं

ऋग्वेद 1/35/7 में प्रश्नोत्तर शैली में प्रश्न आया है कि यह सूर्य रात्रि में किधर चला जाता है तो उत्तर मिलता है पृथ्वी के पृष्ठ भाग में चला जाता है। दिन और रात्रि के होने का यही कारण है।

ऋग्वेद 10/190/2 में लिखा है ईश्वर सूर्य द्वारा दिन और रात को बनाता हैं।

अथर्ववेद 10/8/23 में लिखा है नित्य ईश्वर के समान दिन और रात्रि नित्य उत्पन्न होते हैं।
वेद में काल विभाग
 
अथर्ववेद 9/9/12 में लिखा है वर्ष को बारह महीनों वाला कहा गया है।
अथर्ववेद 10/8/4 में लिखा है ईश्वर द्वारा प्रयोजन के लिए एक वर्ष को बारह मास, ऋतुओं और दिनों में विभाजित किया गया है।
अथर्ववेद 12/1/36 में वर्ष को 6ऋतुओं में विभाजित किया गया है।
इस प्रकार से वेदों के अनेक मन्त्रों में खगोल विज्ञान के दर्शन होते है। वेदों में विज्ञान विषय पर शोध करने की आवश्यकता है।
(नोट- अनेक वैदिक मन्त्रों का भाष्य अनेक विद्वानों ने अपनी अपनी शैली में किया हैं जिस पर विरोधभास अथवा असहमति कि स्थिति में बृहत्तर चिंतन करने की आवश्यकता है।)

डॉ विवेक आर्य

सन्दर्भ ग्रन्थ सूची

ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका- स्वामी दयानंद
यजुर्वेद भाष्य- स्वामी दयानंद
ऋग्वेद भाष्य- स्वामी दयानंद
अथर्ववेद भाष्य- विश्वनाथ वेदालंकार
अथर्ववेद भाष्य- पंडित क्षेमकरण दास त्रिवेदी
वैदिक विज्ञान- पंडित शिवशंकर शर्मा काव्यतीर्थ
भूमिका भास्कर- स्वामी विद्यानंद
वेदों के पाठक सावधान- शिव नारायण सिंह गौतम
http://www.vedicgranth.org/home/the-great-authors/maharshi
वेद पथ पत्रिका संपादक ठाकुर अमर सिंह, दिसंबर1964 का अंक।
http://www.vedicgranth.org/home/the-great-authors/maharshi