!! विष्णु ( सुरकुलेश से हरकुलीस [Hercules] )
अदिति के बारह पुत्र आदित्य वा देव माने जाते हैं ।
महाभारत आदि पर्व में लिखा है -
एकादशस्तथा त्वष्टा द्वादशो विष्णुरुच्यते ।
जघन्यजस्तु सर्वेषामादित्यानां गुणाधिकः ॥
(महा० आदि० ६५-१६)
विष्णु देवों में बारहवां है । सब आदित्यों में कनिष्ठ होता हुआ भी गुणों में सबसे अधिक है ।
वायु पुराण भी इसकी पुष्टि करता है -
ततस्त्वष्टा ततो विष्णुरजघन्यो जघन्यजः ॥६६॥
जन्म वा आयु में सबसे छोटा होने पर भी विष्णु छोटा नहीं माना गया ।
वायु पुराण में पुरुषश्रेष्ठ विष्णु को सब देवों का राजा लिखा है - आदित्यानां पुनर्विष्णुः ॥७०।५॥
अर्थात् बारह आदित्यों में से विष्णु को राज्य दिया गया । यह बारह देवों का कुल ही देवकुल वा सुरकुल नाम से प्रसिद्ध है ।
देवों का राजा होने से विष्णु सुरकुलेश कहलाया । यही विकृत होकर हरकुलीस बन गया जो यूनानियों का प्रसिद्ध देवता है तथा जिसका चित्र यूनानियों के बहुत मुद्राओं (सिक्कों) पर मिलता है । यवन लोग भी हरकुलीस (Hercules) के बारह भ्राता मानते हैं और हरकुलीस को सबसे कनिष्ठ (छोटा) मानते हैं